माँ तुम आ जाओ पास हमारे घर आगंन का दीप जला, बादलों में क्यूँ छिप जाती हो माँ तुम आ जाओ पास हमारे घर आगंन का दीप जला, बादलों में क्यूँ छिप जाती हो
पर्वतों पर चाँँदनी बिछने लगी शीत ऋतु का आगमन है मेघ मंडराने लगे हैं घाटियों में पवन पर्वतों पर चाँँदनी बिछने लगी शीत ऋतु का आगमन है मेघ मंडराने लगे हैं घाट...
आ जाओ,तुम भी मनुष्यता के इस पेड़ की छांव में! आ जाओ,तुम भी मनुष्यता के इस पेड़ की छांव में!
तुम बिन क्या तीज त्योहार,बस दिल को है बहलाना । तुम बिन क्या तीज त्योहार,बस दिल को है बहलाना ।
कहीं चले जाओ आप, बस दिल का साफ होना जरूरी है दिल में ही तो है इंसानियत, जो हमारी रूह कहीं चले जाओ आप, बस दिल का साफ होना जरूरी है दिल में ही तो है इंसानियत, ...
तेरे दर्द का कोई ऐंटिडोज ही नहीं, इस दुनिया में, तेरे दर्द का कोई ऐंटिडोज ही नहीं, इस दुनिया में,